नई दिल्ली/पटना/कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बिहार और पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक दौरे पर हैं, जहां वे करीब 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं। यह दौरा न केवल दोनों राज्यों में बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देगा, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाला है।
प्रधानमंत्री का यह दौरा कनेक्टिविटी, बिजली, स्वास्थ्य, शहरी विकास और जल आपूर्ति जैसे अहम क्षेत्रों में कई नई परियोजनाओं की शुरुआत के लिए यादगार रहेगा। आइए जानते हैं इस दौरे की खास बातें और जनता को मिलने वाले बड़े लाभ…
बिहार: गया से शुरू हुआ विकास का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत बिहार के गया से की, जहां उन्होंने लगभग 13,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने दो बड़ी ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई — गया से दिल्ली तक की अमृत भारत एक्सप्रेस और वैशाली से कोडरमा तक चलने वाली बौद्ध सर्किट ट्रेन। ये ट्रेनें न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगी, बल्कि पर्यटन और तीर्थाटन को भी नई दिशा देंगी।
गंगा पर नया औंटा-सिमरिया पुल: उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा सीधा संपर्क
गंगा नदी पर बना औंटा-सिमरिया पुल, जिसकी लंबाई 1.86 किमी है और जिसे 1,870 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन के रूप में विकसित किया गया है, अब उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच की कनेक्टिविटी को एक नई ऊंचाई देगा। यह पुल मोकामा और बेगूसराय के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे भारी वाहनों की यात्रा 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
यह नया पुल पुराने “राजेंद्र सेतु” का एक मजबूत विकल्प है, जिसकी हालत अब उपयोग लायक नहीं रह गई थी। इससे सिमरिया धाम जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा। साथ ही, यह पुल बिहार और झारखंड के बीच के व्यापारिक संबंधों को भी मजबूती देगा।
स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ी छलांग
प्रधानमंत्री ने बक्सर थर्मल पावर प्लांट (660 मेगावाट) का उद्घाटन किया जिसकी लागत करीब 6,880 करोड़ रुपये है। यह परियोजना राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।
वहीं, मुजफ्फरपुर में बनकर तैयार होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र अब स्थानीय मरीजों को अत्याधुनिक कैंसर उपचार देगा। अब उन्हें इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई नहीं जाना पड़ेगा। इस केंद्र में ऑन्कोलॉजी ओपीडी, 24 बिस्तरों वाला ICU, अत्याधुनिक लैब और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शहरी और ग्रामीण विकास की एक लंबी सूची
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में जल आपूर्ति और स्वच्छता से जुड़ी कई परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी। औरंगाबाद, बोधगया, जहानाबाद, लखीसराय और जमुई में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) और जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू होंगी।
इन परियोजनाओं से न केवल गंगा में प्रदूषण कम होगा, बल्कि शहरों और कस्बों में रहने वाले लाखों लोगों को स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं मिलेंगी।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12,000 ग्रामीण और 4,260 शहरी लाभार्थियों को उनके नए घरों की चाबियां सौंपीं। यह उनके जीवन में स्थायित्व और आत्मनिर्भरता का संदेश देगा।
पश्चिम बंगाल: कोलकाता में मेट्रो क्रांति
प्रधानमंत्री मोदी का दौरे का दूसरा पड़ाव कोलकाता रहा, जहां उन्होंने करीब 5,200 करोड़ रुपये की लागत वाली विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कोलकाता के 13.61 किमी लंबे नए मेट्रो नेटवर्क को हरी झंडी दिखाई।
वे खुद जेसोर रोड से जय हिंद बिमान बंदर (एयरपोर्ट) तक मेट्रो में यात्रा कर जनता को इस आधुनिक सुविधा का संदेश दिया। साथ ही, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सियालदह-एस्प्लेनेड और बेलेघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो सेवाओं की शुरुआत की।
क्या मिलेगा इन मेट्रो रूट्स से?
- सियालदह-एस्प्लेनेड: यात्रा का समय 40 मिनट से घटकर सिर्फ 11 मिनट
- बेलेघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय: IT हब से बेहतर कनेक्टिविटी
- नोआपाड़ा-जय हिंद बिमान बंदर: एयरपोर्ट तक सीधी, तेज और आरामदायक यात्रा
इन मेट्रो सेवाओं से लाखों यात्रियों को रोजाना फायदा मिलेगा और कोलकाता की ट्रैफिक समस्या में भी बड़ी राहत मिलेगी।
कोना एक्सप्रेसवे: हाईवे की नई परिभाषा
कोलकाता और हावड़ा के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करते हुए, प्रधानमंत्री ने 1,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 7.2 किमी लंबे 6-लेन एलिवेटेड कोना एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। यह परियोजना क्षेत्र के परिवहन, पर्यटन और व्यापार को मजबूती देगी।
समापन: विकास की राह पर अग्रसर भारत
प्रधानमंत्री मोदी का बिहार और पश्चिम बंगाल दौरा केवल उद्घाटन या शिलान्यास तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह देश की विकास यात्रा की एक मजबूत झलक है। उन्होंने जो परियोजनाएं शुरू की हैं, वे न केवल बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाएंगी, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सुधारों की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होंगी।
यह दौरा दर्शाता है कि भारत अब विकास के एजेंडे को केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि गांव, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में भी समान रूप से आधुनिकता पहुंचाई जा रही है।
संक्षेप में: पीएम मोदी के दौरे की मुख्य घोषणाएं
राज्य | परियोजना | अनुमानित लागत |
---|---|---|
बिहार | औंटा-सिमरिया पुल | ₹1,870 करोड़ |
बिहार | बक्सर थर्मल पावर प्लांट | ₹6,880 करोड़ |
बिहार | शहरी जल और सीवरेज परियोजनाएं | ₹1,260 करोड़ |
बिहार | होमी भाभा कैंसर अस्पताल | गोपनीय (सरकारी स्रोत) |
बिहार | अमृत भारत एक्सप्रेस, बौद्ध सर्किट ट्रेन | सार्वजनिक परिवहन सुविधा |
पश्चिम बंगाल | मेट्रो नेटवर्क (13.61 किमी) | ₹5,200 करोड़ |
पश्चिम बंगाल | कोना एक्सप्रेसवे | ₹1,200 करोड़ |