बिहार 
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नीतीश सरकार का ऐलान: 12 जिलों के बाढ़ पीड़ितों को ₹456 करोड़ की मदद, देखें पूरा लिस्ट

On: August 20, 2025 6:18 PM
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Nitish government's announcement: Rs 456 crore aid to flood victims of 12 districts, see the full list
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पटना: बिहार में आई बाढ़ से प्रभावित लाखों परिवारों के लिए राहत की बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ‘संकल्प’ भवन से डिजिटल माध्यम से कुल 6,51,602 परिवारों के बैंक खातों में 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456.12 करोड़ रुपये की अनुग्रह सहायता राशि ट्रांसफर की। यह सहायता राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए दी गई है, जिससे पीड़ितों को सीधी और पारदर्शी मदद मिली है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, “आपदा पीड़ितों का राज्य के खजाने पर पहला हक है। हमारी सरकार राज्यवासियों के हित में लगातार काम कर रही है।”

किस-किस जिले को मिला कितना लाभ?

मुख्यमंत्री द्वारा साझा की गई सूची के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित जिले कटिहार (1,11,203 परिवार) और भागलपुर (1,19,933 परिवार) रहे, जिन्हें क्रमशः 77.84 करोड़ और 83.95 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई।

जिलेवार आंकड़ा कुछ इस प्रकार है:

क्र.सं. जिला लाभार्थी परिवार मदद की राशि (₹ में)
1 सारण 18,249 ₹12,77,43,000
2 भोजपुर 10,026 ₹7,14,18,000
3 पटना 42,586 ₹29,81,02,000
4 नालंदा 490 ₹34,30,000
5 मुंगेर 57,166 ₹40,01,62,000
6 बेगूसराय 76,039 ₹53,22,73,000
7 खगड़िया 29,468 ₹20,60,76,000
8 लखीसराय 25,252 ₹17,67,64,000
9 कटिहार 1,11,203 ₹77,84,21,000
10 समस्तीपुर 38,317 ₹26,82,19,000
11 भागलपुर 1,19,933 ₹83,95,31,000
12 वैशाली 30,873 ₹21,61,11,000

➡️ कुल लाभार्थी परिवार: 6,51,602
➡️ कुल भुगतान राशि: ₹4,561,214,000 (यानी ₹456.12 करोड़)

DBT से पारदर्शिता और गति

सरकार ने राहत राशि के वितरण के लिए DBT यानी Direct Benefit Transfer का तरीका अपनाया है। इससे ना कोई बिचौलिया, ना कोई भ्रष्टाचार। पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंच गया है। इस कदम की आम जनता के साथ-साथ सामाजिक संगठनों ने भी सराहना की है।

DBT के फायदे:

  • बिना किसी देरी के राशि सीधे खाते में
  • पारदर्शिता बनी रहती है
  • किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या कटौती की संभावना नहीं
  • राहत कार्यों में जनता का भरोसा बना रहता है

मुख्यमंत्री ने खुद की निगरानी

इस पूरे राहत वितरण कार्यक्रम की निगरानी खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर एक लाभार्थी तक सहायता पहुंचे, और अगर कोई छूट जाए तो उसकी सूची बनाकर तत्काल उसे भी शामिल किया जाए।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और ज़मीनी हालात का भी जायज़ा लिया। ट्विटर पर उन्होंने इस पूरे अभियान की जानकारी साझा की और जनता को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है।

जनता की प्रतिक्रिया

बाढ़ प्रभावित जिलों से आ रही प्रतिक्रियाओं में राहत की इस राशि को लेकर लोगों ने राहत की सांस ली है। कटिहार निवासी रंजीत कुमार कहते हैं, “7000 रुपये भले बहुत ज्यादा ना हों, लेकिन समय पर मिली मदद हमारे लिए संजीवनी जैसी है।”

बेगूसराय की रेखा देवी कहती हैं, “पिछले साल की तुलना में इस बार जल्दी पैसे मिल गए, और सीधे बैंक खाते में आने से कोई परेशानी नहीं हुई।”

कब और कैसे हुआ भुगतान?

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 20 अगस्त 2025 को इस राहत वितरण की शुरुआत की गई। इस योजना के शुभारंभ के लिए एक औपचारिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री ने डिजिटल स्क्रीन पर बटन दबाकर DBT प्रक्रिया की शुरुआत की।

स्क्रीन पर स्पष्ट लिखा था:

“वर्ष 2025 में राज्य में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों को डी.बी.टी. (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे उनके खाते में 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से अनुग्रहिक राहत के भुगतान। शुभारंभ: दिनांक 20 अगस्त 2025”

आंकड़े दर्शाते हैं सरकार की गंभीरता

नीतीश सरकार की इस योजना के तहत कुल 12 जिलों को चुना गया जहाँ बाढ़ का सबसे ज्यादा असर देखा गया। इन जिलों में सहायता राशि वितरण का आंकड़ा यह दिखाता है कि किस स्तर पर सरकार ने योजना बनाकर काम किया।

विशेष बात यह रही कि जिन जिलों में जनसंख्या घनत्व ज्यादा है या जहां नदियों की बाढ़ से हर साल तबाही होती है, उन्हें प्राथमिकता दी गई।

भविष्य की योजनाएं?

सूत्रों के अनुसार, बिहार सरकार बाढ़ प्रबंधन को लेकर अब दीर्घकालिक योजनाएं बनाने पर भी काम कर रही है। इसमें निम्नलिखित पहल शामिल हो सकती हैं:

  • बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करना
  • प्रभावित क्षेत्रों में राहत कैंप की संख्या बढ़ाना
  • जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करना
  • किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए अलग पैकेज देना

किसानों के लिए भी मदद की उम्मीद

बाढ़ का सबसे बड़ा असर खेती पर पड़ता है। इस बार भी कई जिलों में धान और मक्का की फसलें पानी में डूब गई हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार किसानों के लिए भी अलग से राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।

निष्कर्ष

बिहार सरकार की यह पहल निश्चित ही एक संवेदनशील और जिम्मेदार प्रशासन की ओर इशारा करती है। बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदा में तत्काल राहत पहुंचाना न सिर्फ सरकार का कर्तव्य है, बल्कि सामाजिक विश्वास का आधार भी बनता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ये राहत योजना उन लाखों परिवारों के लिए राहत की किरण है, जो हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। सरकार की यह कोशिश सराहनीय है कि वो “जनता के हक को उनका अधिकार मानते हुए” तुरंत कार्रवाई कर रही है।


लेखक: सच्चा समाचार डेस्क

स्त्रोत: बिहार सरकार, आपदा प्रबंधन विभाग, ट्विटर हैंडल @NitishKumar

Sachcha Samachar Desk

Sachcha Samachar Desk वेबसाइट की आधिकारिक संपादकीय टीम है, जो देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा, तथ्य-आधारित और निष्पक्ष खबरें तैयार करती है। यह टीम विश्वसनीयता, ज़िम्मेदार पत्रकारिता और पाठकों को समय पर सही जानकारी देने के सिद्धांत पर काम करती है।

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