बिहार में शराबबंदी है, मगर यहाँ के तस्करों का साहस देखिए! वे लगातार इस कानून को चुनौती दे रहे हैं। पर इस बार, मुंगेर पुलिस ने उनकी कमर तोड़ दी है। गंगटा थाना इलाके में पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है।
गुप्त सूचना मिली, और पुलिस ने फौरन एक्शन लिया। वहाँ छापेमारी हुई और एक स्कॉर्पियो गाड़ी से विदेशी शराब की भारी खेप पकड़ में आ गई। गाड़ी में छोटी-मोटी नहीं, बल्कि 825 बोतलें विदेशी शराब भरी हुई थी! हालांकि, पुलिस के पहुँचते ही मास्टरमाइंड मौके से चंपत हो गया।
कहानी क्या है? और कितनी शराब मिली?
पुलिस को खबर मिली थी कि गंगटा क्षेत्र में शराब की बड़ी तस्करी चल रही है। सूचना की पक्की जानकारी होते ही पुलिस टीम वहाँ पहुँची। वहाँ एक शेड के अंदर एक स्कॉर्पियो क्लासिक एस खड़ी थी। पुलिस को शक हुआ, और उन्होंने गाड़ी की तलाशी ली।
अंदर का नज़ारा देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। स्कॉर्पियो की डिक्की और सीटों के नीचे ठूंस-ठूंसकर विदेशी शराब की बोतलें भरी थीं।
शराबबंदी लागू होने के बाद मुंगेर में एक साथ इतनी बड़ी ज़ब्ती को पुलिस बहुत बड़ी सफलता मान रही है।
आरोपी कौन है और पुलिस का अगला प्लान?
जाँच में पता चला है कि इस पूरी खेप के पीछे गंगठा गांव का राहुल कुमार सिंह उर्फ़ छोटू कुमार का हाथ है। छोटू कुमार, जो उमाशंकर सिंह का बेटा है, इस अवैध धंधे का मुख्य सरगना है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की हल्की सी भनक लगते ही चालाक छोटू अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला।
फिलहाल, गंगटा थाना पुलिस ने छोटू कुमार के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। अब बस एक ही टारगेट है—छोटू को पकड़ना। इसके लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें लगातार उसके ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस का कहना है कि यह शराब जिले के छोटे-छोटे इलाकों में सप्लाई होनी थी।
पुलिस क्यों कहती है, ये बड़ी जीत है?
बिहार में 2016 से शराबबंदी है। लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि तस्करों ने नए-नए रास्ते खोज लिए हैं। मुंगेर जैसे ज़िले में, जहाँ पहले से ही अवैध गतिविधियों की शिकायतें आती रही हैं, वहाँ पुलिस के लिए ये कानून लागू करना सिरदर्द बना हुआ है।
पुलिस के एक अधिकारी ने साफ़ कहा, “यह सिर्फ शराब पकड़ना नहीं है, यह तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने की शुरुआत है। जब इतनी बड़ी मात्रा में माल ज़ब्त होता है, तो उनका आर्थिक ढाँचा हिल जाता है।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी यही है। वे खुश हैं कि इतनी शराब पकड़ी गई, लेकिन उनकी चिंता है कि जब तक छोटू और उसके पूरे गैंग को अंदर नहीं किया जाता, तब तक यह धंधा पूरी तरह बंद नहीं होगा।
पुलिस को पूरा भरोसा है कि फरार छोटू जल्द ही सलाखों के पीछे होगा। उसकी गिरफ्तारी से इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि यह शराब किस राज्य से लाई गई थी।
यह कार्रवाई दिखाती है कि शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए पुलिस पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन तस्कर भी कम नहीं हैं—दोनों के बीच चूहे-बिल्ली का खेल जारी है।








