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टोल प्लाजा पर बाइक वालों को बड़ा झटका? क्या अब देना होगा पैसा? वायरल खबर की तह तक जाकर मिली चौंकाने वाली जानकारी

On: August 20, 2025 8:32 AM
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टोल प्लाजा पर बाइक वालों को बड़ा झटका? क्या अब देना होगा पैसा? वायरल खबर की तह तक जाकर मिली चौंकाने वाली जानकारी
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वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्गों पर बाइक पर टोल टैक्स नहीं लगता है। इस संबंध में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में फैलाई जा रही खबरें कि 15 जुलाई, 2025 से बाइक पर भी टोल टैक्स लगेगा, पूरी तरह से भ्रामक और गलत हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स से छूट जारी रहेगी।


बाइक पर टोल टैक्स: अफवाह बनाम हकीकत

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कुछ ऑनलाइन समाचार पोर्टल्स पर एक खबर तेजी से फैल रही थी कि भारत में अब दुपहिया वाहनों को भी टोल टैक्स देना होगा। इन खबरों में एक विशिष्ट तिथि, 15 जुलाई, 2025, का भी उल्लेख किया जा रहा था, जिससे लोगों में काफी भ्रम और चिंता पैदा हो गई थी। हालांकि, सरकार ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि दोपहिया वाहनों को टोल प्लाजा पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह राहत बाइक चालकों के लिए जारी रहेगी।


केंद्रीय मंत्री का स्पष्टीकरण

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी, ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कई मौकों पर यह दोहराया है कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है कि वह दुपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए। गडकरी ने हमेशा आम जनता के हित को प्राथमिकता दी है, और दुपहिया वाहन भारत में एक बड़े वर्ग के लिए आवागमन का एक किफायती साधन हैं। उन पर टोल लगाना निश्चित रूप से लाखों लोगों के लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ होता, जिसे सरकार ने नहीं थोपने का फैसला किया है।


क्यों उड़ी यह अफवाह?

यह समझना महत्वपूर्ण है कि ऐसी अफवाहें अक्सर कहां से शुरू होती हैं और क्यों फैलती हैं। कई बार, किसी गलतफहमी, अधूरे डेटा या फिर जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने के कारण ऐसी खबरें सामने आती हैं। संभव है कि किसी राज्य विशेष में किसी एक्सप्रेसवे पर दुपहिया वाहनों पर टोल लगाने के निर्णय को राष्ट्रीय स्तर पर लागू होने वाली नीति के रूप में गलत तरीके से प्रचारित किया गया हो। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के कुछ एक्सप्रेसवे पर दुपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों पर भी टोल लगता है, लेकिन यह एक राज्य-विशेष का नियम है और इसका राष्ट्रीय राजमार्गों से कोई सीधा संबंध नहीं है।

यह भी हो सकता है कि टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करने या सड़क रखरखाव के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए भविष्य में किसी नीतिगत बदलाव की संभावना पर अटकलें लगाई गई हों, जिन्हें गलत तरीके से टोल टैक्स लागू होने की खबर के रूप में पेश कर दिया गया। हालांकि, वर्तमान में, सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।


राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल नीति क्या कहती है?

राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स का मुख्य उद्देश्य सड़कों के निर्माण, रखरखाव और उन्नयन की लागत को वसूलना होता है। टोल नीति आमतौर पर वाहनों के प्रकार और उनकी वहन क्षमता के आधार पर अलग-अलग होती है। भारी वाहनों से अधिक टोल लिया जाता है क्योंकि वे सड़क पर अधिक टूट-फूट का कारण बनते हैं और उनके लिए अधिक मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।

दोपहिया वाहन, अपनी हल्की प्रकृति और सड़क पर कम प्रभाव के कारण, ऐतिहासिक रूप से टोल से मुक्त रहे हैं। यह एक वैश्विक प्रथा भी है, जहां कई देशों में दुपहिया वाहनों को टोल से छूट दी जाती है। भारत में यह नीति लंबे समय से चली आ रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।


भविष्य की संभावनाएं और फास्टैग

यह संभव है कि भविष्य में टेक्नोलॉजी के विकास के साथ टोल संग्रह प्रणाली में और सुधार हों। फास्टैग (FASTag) जैसी तकनीक ने टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को काफी कम कर दिया है और यह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देता है। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि किसी भी नई प्रणाली को लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाए, खासकर आम जनता पर पड़ने वाले प्रभावों को।

सरकार का जोर वर्तमान में राजमार्गों को और अधिक कुशल और सुरक्षित बनाने पर है। इसमें नई सड़कों का निर्माण, मौजूदा सड़कों का विस्तार और रखरखाव शामिल है। इन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण विभिन्न स्रोतों से आता है, जिसमें टोल टैक्स एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि, दुपहिया वाहनों को इस बोझ से मुक्त रखा गया है, यह दर्शाता है कि सरकार छोटे वाहन चालकों के हितों का ध्यान रख रही है।


नागरिकों की भूमिका: अफवाहों से कैसे बचें?

यह महत्वपूर्ण है कि नागरिक किसी भी जानकारी पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। सोशल मीडिया पर फैलने वाली कई खबरें गलत या भ्रामक हो सकती हैं। सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों, विश्वसनीय समाचार स्रोतों और सरकारी बयानों पर ही भरोसा करना चाहिए। किसी भी महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव की घोषणा हमेशा आधिकारिक माध्यमों से ही की जाती है।

यदि आप किसी खबर के बारे में अनिश्चित हैं, तो आप प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक इकाई जैसी सरकारी एजेंसियों की वेबसाइट देख सकते हैं, जो अक्सर ऐसी भ्रामक खबरों का खंडन करती हैं।


निष्कर्ष

संक्षेप में, भारत में बाइक पर टोल टैक्स लगने की खबर पूरी तरह से निराधार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया है कि दुपहिया वाहनों को टोल से छूट जारी रहेगी। यह उन लाखों भारतीयों के लिए एक राहत की बात है जो हर दिन अपनी बाइकों का उपयोग काम पर जाने, पढ़ाई करने या अन्य उद्देश्यों के लिए करते हैं। यह दर्शाता है कि सरकार आम नागरिक पर अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं डालना चाहती है और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसलिए, निश्चिंत रहें और इन भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें।

Sachcha Samachar Desk

Sachcha Samachar Desk वेबसाइट की आधिकारिक संपादकीय टीम है, जो देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा, तथ्य-आधारित और निष्पक्ष खबरें तैयार करती है। यह टीम विश्वसनीयता, ज़िम्मेदार पत्रकारिता और पाठकों को समय पर सही जानकारी देने के सिद्धांत पर काम करती है।

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