मुंगेर (बिहार): मुंगेर जिले में बुधवार तड़के एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें कीर्तन मंडली का एक बुजुर्ग सदस्य की जान चली गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब सभी कीर्तनकार एक धार्मिक कार्यक्रम से लौट रहे थे। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम का माहौल है और पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, बेगूसराय जिले के साहिपुर कमाल गांव से सात सदस्यीय कीर्तन मंडली देर रात धार्मिक कार्यक्रम समाप्त कर अपने घर लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा लौट रही थी। सभी लोग एक ऑटो रिक्शा (सीएनजी वाहन) में सवार थे। सुबह करीब 5 बजे जब वाहन राष्ट्रीय राजमार्ग-80 (NH-80) से होकर हेमजापुर थाना क्षेत्र के सुंदरपुर गांव के पास पहुंचा, तभी सामने से आ रही एक तेज रफ्तार पिकअप वैन ने जोरदार टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो पलट गया और मौके पर अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण वहां पहुंचे और सभी घायलों को सड़क से उठाकर तुरंत मुंगेर सदर अस्पताल पहुंचाया।
एक की मौत, चार घायल
इस हादसे में 80 वर्षीय अंजनी कुमार, पिता राम ठाकुर (निवासी साहिपुर कमाल) की मौके पर ही मौत हो गई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। बाकी दो सदस्य हल्की चोटों के बाद सुरक्षित हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि घायलों की हालत अभी नाजुक बनी हुई है और लगातार इलाज जारी है। हादसे में घायल सभी लोग कीर्तन मंडली से जुड़े हुए हैं और घटना के बाद उनके परिवार के लोग अस्पताल में जमा हो गए हैं।
चश्मदीद का बयान
कीर्तन मंडली के सदस्य गणेश ने बताया कि वे सभी धार्मिक कार्यक्रम समाप्त कर ऑटो से घर लौट रहे थे। तभी अचानक सामने से आ रही पिकअप ने टक्कर मार दी। उन्होंने कहा—
“हम लोग सीएनजी से लौट रहे थे। सामने से पिकअप आया और टक्कर मार दिया। हमारे साथ कुल सात लोग थे। एक की मौके पर ही मौत हो गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया।”
पुलिस की कार्रवाई
हादसे के बाद पिकअप वैन का चालक वाहन मौके पर छोड़कर फरार हो गया। हेमजापुर थाना पुलिस ने तुरंत वाहन को जब्त कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि फरार ड्राइवर की पहचान की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। प्राथमिक जांच में पता चला है कि पिकअप की रफ्तार काफी तेज थी और इसी वजह से यह दुर्घटना हुई।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
मुंगेर समेत बिहार के कई जिलों में सड़क हादसे आम बात बन चुके हैं। NH-80 पर लगातार हादसों की खबरें आती रहती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों की भरमार है और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अक्सर हादसों को जन्म देती है।
ग्रामीणों का कहना है कि सुंदरपुर इलाके में सड़क पर मोड़ और संकरी जगहें हैं, जहाँ दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर नियमित पुलिस गश्त और गति नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
पीड़ित परिवारों का दर्द
मृतक अंजनी कुमार के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि वह हमेशा धार्मिक और सामाजिक कार्यों में शामिल रहते थे और कीर्तन मंडली के सक्रिय सदस्य थे। उनके निधन से मंडली के सभी सदस्य और गांववाले गहरे सदमे में हैं।
दूसरी ओर, घायल सदस्यों के परिवारजन अस्पताल में घंटों से इलाज की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई परिजनों ने कहा कि हादसा प्रशासन की लापरवाही और सड़क पर निगरानी की कमी की वजह से हुआ है।
हादसे के बाद फैला मातम
इस घटना के बाद साहिपुर कमाल और सूर्यगढ़ा क्षेत्र में शोक की लहर है। कीर्तन मंडली के लोग अक्सर धार्मिक आयोजनों में जाते रहते थे और स्थानीय समाज में उनकी पहचान काफी सम्मानित थी। लेकिन अचानक हुई इस दुर्घटना ने पूरे गांव को हिला दिया है।
प्रशासन की जिम्मेदारी
हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और वाहन को जब्त कर लिया। वहीं, प्रशासन ने घायलों को बेहतर इलाज दिलाने का आश्वासन दिया है।
हालांकि, लोगों का कहना है कि केवल जांच और आश्वासन काफी नहीं है। सरकार और प्रशासन को सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
विशेषज्ञों की राय
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में सड़क हादसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तेज रफ्तार, नशे में गाड़ी चलाना, और ओवरलोडिंग इसके प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि—
- हाईवे पर नियमित पुलिस गश्त हो।
- सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाई जाए।
- ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त जुर्माना लगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाए।
निष्कर्ष
मुंगेर का यह हादसा सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा की खामियों की ओर इशारा करता है। एक धार्मिक मंडली का सदस्य जिसने अपना जीवन भजन-कीर्तन में समर्पित किया था, सड़क पर लापरवाही के कारण काल के गाल में समा गया। चार अन्य लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे से प्रशासन और सरकार सबक लेगी? क्या सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि आम लोगों की जान सुरक्षित रह सके?








