मुंगेर (बिहार): मुंगेर की धरती से दहेज प्रथा की एक और घिनौनी करतूत सामने आई है। हरपुर थाना क्षेत्र के शंभूगंज गांव में जो हुआ है, उसे सुनकर रूह काँप जाएगी। एक दरिंदे पति ने अपनी ही पत्नी की गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी।
आरोप है कि यह शैतान दिल्ली में सिलाई की दुकान खोलने के लिए अपनी पत्नी पर लगातार ₹5 लाख की भारी-भरकम रकम मायके से लाने का दबाव डाल रहा था। जब उस बेचारी पत्नी ने हाथ जोड़कर कहा कि उसका गरीब मायका इतना पैसा नहीं दे सकता, तो उस लालची आदमी ने बेरहमी से उसकी जीवन लीला समाप्त कर दी। पुलिस ने बेशक त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पति अजीत कुमार को धर दबोचा है, लेकिन यह घटना पूरे समाज के माथे पर एक गहरा कलंक है।
प्रेम से नफ़रत तक: एक पुत्र का बाप बना हत्यारा
शंभूगंज निवासी अजीत कुमार की शादी 2013 में टेटिया बंब की संगीना कुमारी से हुई थी। शुरू में सब ठीक था। दिल्ली में सिलाई का काम, साथ में एक बेटा… परिवार सामान्य ढंग से चल रहा था।
पर कहते हैं न, पैसों का लालच अच्छे-खासे आदमी को हैवान बना देता है!
जैसे ही अजीत ने दिल्ली में अपनी दुकान खोलने की सोची, उसने शैतानी रास्ता पकड़ लिया। उसने संगीना पर ₹5 लाख दहेज के रूप में लाने के लिए भीषण दबाव बनाना शुरू किया।
संगीना बेबस थी। उसने कई बार गिड़गिड़ाकर कहा कि पिता के पास इतनी बड़ी रकम नहीं है। पर उस पत्थर दिल अजीत पर कोई असर नहीं हुआ। बात-बात पर झगड़ा, गालियाँ और फिर मारपीट… संगीना का जीवन नरक बन गया था।
29 अगस्त की खूनी रात
परिजनों की मानें तो 26 अगस्त को ही झगड़ा बहुत बढ़ गया था। लेकिन 29 अगस्त को तो क्रूरता की हद पार हो गई। संगीना ने जब आखिरी बार पैसे लाने से मना कर दिया, तो अजीत का खून खौल उठा। उसने पल भर भी नहीं सोचा और अपने ही बेटे की माँ, अपनी पत्नी संगीना का गला घोंटकर काम तमाम कर दिया।
शव को ठिकाने लगाने की साज़िश हुई फेल!
हत्या करने के बाद इस कायर ने अपने भाइयों के साथ मिलकर लाश को छुपाने की कोशिश की। इनकी घिनौनी योजना थी कि शव को गुपचुप तरीके से गांव के पास नदी में फेंक दिया जाए!
लेकिन कहते हैं न, गुनाह छिपता नहीं!
गांववालों ने देर रात अजीत और उसके सहयोगियों को संगीना के शव को घर से बाहर ले जाते हुए देख लिया। तुरंत शोर मचाया गया, और फौरन पुलिस को खबर दी गई।
मृतका के पिता, वीरेंद्र कुमार सिंह, ने बताया:
“अजीत रोज फोन पर मेरी बेटी को धमकी देता था। कहता था, ‘5 लाख ला, नहीं तो तेरा अंजाम बुरा होगा।’ मेरी बेटी ने कई बार जान बचाने की गुहार लगाई, पर हम नहीं बचा पाए!
पुलिस की कार्रवाई… और समाज का मौन
हरपुर थाना पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। शव को कब्जे में लिया गया और हत्यारे पति अजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि दहेज हत्या (304B) और हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि मामले में शामिल एक भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
लेकिन सोचने वाली बात यह है: सिर्फ गिरफ्तारी काफी है क्या?
हमारे समाज में आज भी हर साल हजारों बेटियाँ दहेज की आग में झोंक दी जाती हैं। NCRB के आंकड़े गवाह हैं कि यह बीमारी बिहार जैसे राज्यों में भयंकर रूप ले चुकी है।
संगीना तो चली गई… लेकिन उस छोटे बच्चे का क्या होगा जिसने अपनी माँ को इस लालच के कारण खो दिया?
विशेषज्ञों का साफ कहना है: जब तक समाज में यह सड़ी हुई सोच बनी रहेगी कि बेटी बोझ है, तब तक कानून भी बेअसर साबित होंगे। मुंगेर की यह घटना सरकार और समाज दोनों पर एक तमाचा है। हमें सिर्फ कानून नहीं, बल्कि अपने घरों की मानसिकता बदलनी होगी।








