📍 मुंगेर, बिहार – गंगाजी का जलस्तर इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मुंगेर बाढ़ 2025 की आशंका गहरा गई है। ताज़ा जानकारी के अनुसार, अगले 24 घंटे में गंगाजी का जलस्तर 35 से 60 सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है। फिलहाल गंगा नदी जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे नदी किनारे रहने वाले लोगों में चिंता का माहौल है।
जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी: चिंता का कारण
पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से आ रहे पानी के कारण बिहार गंगा नदी खतरे का स्तर लगातार ऊपर जा रहा है।
- पिछले सप्ताह की तुलना में जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हो रही है।
- 2 अगस्त को जलस्तर गंगा नदी जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया।
- अगले 24 घंटे में और 35–60 सेंटीमीटर तक बढ़ने की संभावना है।
पानी का बहाव तेज़ होने से नदी का किनारा कमजोर हो सकता है, जिससे कटाव और तेज़ हो सकता है। कटाव का असर न केवल घरों और खेतों पर पड़ता है, बल्कि कई बार मुख्य सड़कें और पुल भी खतरे में आ जाते हैं।
प्रशासन की ओर से अभी कोई आधिकारिक अलर्ट नहीं
हालांकि मुंगेर बाढ़ की खबर तेजी से फैल रही है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक चेतावनी या अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
नदी किनारे रहने वाले लोग बताते हैं कि पानी का स्तर हर घंटे थोड़ा-थोड़ा बढ़ रहा है, और कई जगह निचले हिस्सों में पानी भरना शुरू हो गया है।
स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर प्रशासन समय रहते तैयारी करे, तो नुकसान कम हो सकता है। लेकिन फिलहाल लोगों को अपने स्तर पर ही सावधानी बरतनी पड़ रही है।
पानी बढ़ने के कारण
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:
- लगातार बारिश – पिछले कुछ दिनों से बिहार और आसपास के राज्यों में लगातार बारिश हो रही है।
- पहाड़ी क्षेत्रों से पानी का आना – उत्तर भारत और नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद पानी का बहाव गंगा में तेज़ हो जाता है।
- बराज और डैम से पानी छोड़ना – कई बार ऊपर के डैम और बराज से पानी छोड़ा जाता है, जिससे नीचे के जिलों में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है।
- कटाव और मिट्टी का बहाव – पानी के साथ मिट्टी बहने से नदी का किनारा कमजोर होता है, जिससे बाढ़ का असर और बढ़ सकता है।
संभावित असर
अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो:
- खेतों में लगी धान और सब्जी की फसल डूब सकती है।
- कच्चे मकानों और झोपड़ियों में पानी घुस सकता है।
- कई क्षेत्रों का संपर्क मुख्य सड़कों और बाजारों से कट सकता है।
- पीने के पानी के स्रोत दूषित हो सकते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पिछले साल की बाढ़ का अनुभव
पिछले वर्ष बिहार में बाढ़ का खतरा अचानक गंभीर हो गया था।
- कई जगहों पर नाव से राहत सामग्री पहुंचाई गई थी।
- फसलों को भारी नुकसान हुआ था, जिससे किसानों को आर्थिक संकट झेलना पड़ा।
- लोग महीनों तक पानी से घिरे रहे थे और उन्हें ऊंचे स्थानों पर रहना पड़ा था।
स्थानीय लोग बताते हैं कि इस बार पानी का स्तर और तेजी से बढ़ रहा है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में बिहार में और बारिश हो सकती है।
अगर बारिश का दौर जारी रहा और पहाड़ी क्षेत्रों से पानी का बहाव कम नहीं हुआ, तो गंगाजी का जलस्तर और बढ़ सकता है।
इसलिए अगले 3–4 दिन बेहद अहम माने जा रहे हैं।
लोगों के लिए जरूरी सतर्कता
चूंकि अभी प्रशासन की ओर से कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया है, ऐसे में लोगों को खुद ही सतर्क रहना होगा:
- नदी के किनारे या पानी भरे क्षेत्रों में न जाएं।
- बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- जरूरी दस्तावेज, दवाइयां और कीमती सामान सुरक्षित रखें।
- मोबाइल चार्ज रखें और मौसम की ताज़ा जानकारी लेते रहें।
- पीने का पानी उबालकर पिएं और सफाई का ध्यान रखें।
स्थानीय लोगों की राय
नदी किनारे रहने वाले कई परिवारों का कहना है कि इस समय उन्हें सबसे ज्यादा डर रात के समय का है, जब पानी का बहाव तेज़ हो जाता है और आवाजाही मुश्किल हो जाती है।
किसानों को चिंता है कि अगर पानी खेतों में भर गया, तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी और साल भर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
📢 महत्वपूर्ण संदेश – फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक अलर्ट जारी नहीं किया गया है। ऐसे में जरूरी है कि लोग खुद सतर्क रहें, बच्चों और परिवार को सुरक्षित रखें और नदी के किनारे जाने से बचें। मौसम और मुंगेर गंगा नदी जलस्तर की हर नई जानकारी पर ध्यान दें।