लखनऊ से बड़ी खबर आई है। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे के आसपास, लखनऊ के हजरतगंज इलाके में जो सीबीआई का ऑफिस है, वहां एक आदमी ने हमला कर दिया। पर यह हमला कोई गोली या बम से नहीं था, बल्कि उसने धनुष और बाण से हमला किया। सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन सच यही है।
अब सवाल उठता है कि आखिर ये हमला क्यों हुआ? और यह आदमी कौन था?
यह आदमी है दिनेश मुर्मू, जो बिहार के मुंगेर जिले के खड़गपुर गाँव का रहने वाला है। दिनेश ने बताया कि उसने 32 साल पहले एक बहुत बड़ी तकलीफ झेली थी। उस समय वह रेलवे में काम करता था। 1993 में उसने देखा कि उसका एक सहकर्मी रिश्वत ले रहा था। उसने इस बात की शिकायत अधिकारियों से की।
शिकायत के बाद सीबीआई ने रेलवे में छापेमारी की और कई लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। कई कर्मचारियों की नौकरी चली गई, जिनमें दिनेश भी था। दिनेश का कहना है कि वह खुद तो ईमानदार था, लेकिन उसे झूठा फंसा दिया गया और उसकी नौकरी छिन गई। इसके बाद उसका परिवार और इज्जत सब खत्म हो गया।
दिनेश ने 32 साल तक ये दर्द दिल में रखा और हर जगह से मदद मांगता रहा। आखिरकार उसे पता चला कि सीबीआई के अधिकारी लखनऊ में रहते हैं। इसलिए शुक्रवार को वह सीबीआई ऑफिस मिलने गया, पर जब उसे अंदर जाने से रोक दिया गया तो उसने अपना गुस्सा और दर्द छिपा नहीं पाया।
उसने घर से धनुष-बाण लेकर आया था और गेट के बाहर एक अधिकारी पर हमला कर दिया। उसने कहा, “मुझे कोई अफसोस नहीं कि मैंने ऐसा किया। यह मेरा 32 सालों का बदला है।”
इस घटना से साफ होता है कि कितनी बड़ी तकलीफ और निराशा इंसान को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर सकती है। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की बात भी कर रही है।