December 23, 2024
नवरात्रि 2024: ज्योतिषीय संकेत और संभावित चुनौतियाँ

नवरात्रि 2024: ज्योतिषीय संकेत और संभावित चुनौतियाँ

इस वर्ष नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू हो रहा है, जब कलश स्थापना भी की जाएगी। खास बात यह है कि इस नवरात्रि में कुछ अद्वितीय ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जिन्हें लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं।

डोली में देवी का आगमन

श्रीमद्देवीभाग्वत महापुराण के अनुसार, देवी का आगमन जिस वाहन पर होता है, उसके माध्यम से पूरे वर्ष की भविष्यवाणी की जाती है। इस बार देवी डोली में आ रही हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह शुभ संकेत नहीं माना जाता।

महापुराण में वर्णित एक महत्वपूर्ण श्लोक है:

“शशि सूर्य गजारुढा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥”

इस श्लोक का तात्पर्य है कि देवी के डोली में आगमन से धरती पर उथल-पुथल और विपरीत घटनाएँ घटित हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में महामारी, जन धन की हानि और प्राकृतिक आपदाएँ आम जनता को प्रभावित कर सकती हैं।

समाज के प्रति सजगता

हालांकि, इस नवरात्रि की एक विशेषता यह है कि यह पूरे नौ दिनों तक चलेगी और इसके अंतिम दिन दशहरा मनाया जाएगा। देवी की उपासना के इस अवसर पर भक्तों को आशीर्वाद के साथ-साथ समाज में चल रही चुनौतियों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।

यह समय न केवल आस्था और भक्ति का है, बल्कि आत्मविश्लेषण और सामूहिक जागरूकता का भी है। हमें देवी की कृपा से सकारात्मकता फैलाने और संकटों का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए।

इस नवरात्रि पर सभी श्रद्धालुओं को देवी माता का अनंत आशीर्वाद प्राप्त हो, यही हमारी कामना है।

Sachcha Samachar Desk

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