भारतीय सिनेमा में तकनीकी और भावनात्मक प्रयोगों की कोई कमी नहीं रही, लेकिन ‘Krishna Arjun’ जैसी फिल्में विरले ही बनती हैं। निर्देशक और अभिनेता हेमवंत तिवारी द्वारा अभिनीत यह फिल्म विश्व की पहली “डबल रोल सिंगल शॉट फीचर फिल्म” बन गई है। करीब 2 घंटे 14 मिनट की इस फिल्म को बिना किसी कट के शूट किया गया है—एक ऐसा कारनामा जो आज तक दुनिया के किसी भी सिनेमा ने नहीं किया।
कहानी और अभिनय:
फिल्म की कहानी ‘कृष्णा’ और ‘अर्जुन’—दो किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है, दोनों को हेमवंत तिवारी ने ही निभाया है। सामाजिक मुद्दों जैसे जातिवाद, नारी अधिकार, LGBTQ+ स्वीकार्यता और राजनीतिक शोषण को बेहद गहराई से छुआ गया है। हेमवंत का अभिनय इतना प्रभावशाली है कि दर्शक भूल जाते हैं कि दोनों किरदार एक ही अभिनेता निभा रहा है।
तकनीक और निर्देशन:
फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका “सिंगल-शॉट” होना। हर एक सीन को इस तरह कोरियोग्राफ किया गया है कि कैमरा एक बार भी नहीं रुका। गाँव की गलियों, घरों, खेतों और गलियारों से होकर घूमता कैमरा एक जीवंत रंगमंच का अनुभव देता है। यह न केवल तकनीकी चमत्कार है बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्पण का भी प्रमाण है।
प्रतिक्रिया और प्रभाव:
फिल्म को यूट्यूब पर रिलीज़ के साथ ही ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। दर्शकों ने इसे “रॉ रियलिज़्म” और “ब्रूटीफुल सिनेमा” की संज्ञा दी है। कईयों ने इसे श्याम बेनेगल और सत्यजीत रे के यथार्थवादी सिनेमा से तुलना की। कुछ का कहना है कि ये फिल्म ओटीटी या थिएटर पर रिलीज़ होती, तो IMDB पर 9+ रेटिंग की हकदार होती।
एक नई क्रांति का आगाज़?
‘Krishna Arjun’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। यह उन सभी युवा फिल्ममेकर्स के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी महान सिनेमा बना सकते हैं। हेमवंत तिवारी ने न केवल अभिनय किया, बल्कि निर्देशन, लेखन, प्रोडक्शन और प्रमोशन तक खुद संभाला—हर दो इंस्टा रील के बाद उनका एक प्रोमो नजर आना दर्शाता है कि पैशन किसी प्लेटफॉर्म का मोहताज नहीं होता।
निष्कर्ष:
यदि आप सिनेमा को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण मानते हैं, तो ‘Krishna Arjun’ आपको झकझोर कर रख देगी। यह फिल्म नहीं—एक एहसास है। और हेमवंत तिवारी—वो अब सिर्फ एक अभिनेता नहीं, भारतीय सिनेमा की क्रांति का नाम बन चुके हैं।