भारत की डिजिटल क्रांति ने देश के कोने-कोने से टैलेंट को उभरने का मौका दिया है। इसी क्रम में बिहार के मुंगेर ज़िले से एक नई, दिलचस्प और हँसी से भरपूर वेब सीरीज़ सामने आई है — “श्राद्ध में ज़रूर आना”। यह वेब सीरीज़ ना सिर्फ दर्शकों को हँसाने का वादा करती है, बल्कि बिहार की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं को भी मंच देती है।
इस वेब सीरीज़ की सबसे खास बात यह है कि यह संजीत कुमार संगम के करियर की पहली वेब सीरीज़ है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में बतौर कलाकार काम किया है और इसके जरिए उन्होंने अपने अभिनय के सफर की शुरुआत की है। उनका यह डेब्यू बिहार के लिए गर्व की बात है और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इसे ज़रूर देखें और स्थानीय कलाकारी को समर्थन दें।
वेब सीरीज़ का सार: हास्य और परिवारिक ड्रामा का अनोखा संगम
“श्राद्ध में ज़रूर आना” एक फैमिली ड्रामा कॉमेडी वेब सीरीज़ है, जिसमें पारिवारिक रिश्तों को हल्के-फुल्के हास्य अंदाज़ में दिखाया गया है। इसके संवाद और सिचुएशन दर्शकों को हँसने पर मजबूर कर देते हैं, वहीं पारिवारिक मूल्यों की झलक भी साफ़ दिखाई देती है।
यह वेब सीरीज़ उन दर्शकों के लिए एकदम मुफ़ीद है जो मनोरंजन के साथ-साथ अपनी मिट्टी की खुशबू भी महसूस करना चाहते हैं। चाहे बात घर के बुजुर्गों की हो या गांव की चाय-चौपाल की — हर दृश्य में एक अपनापन और देसी ठहाकों की मिठास है।
संजीत कुमार संगम — एक नई शुरुआत, एक बड़ा सपना
संजीत कुमार संगम के लिए यह वेब सीरीज़ केवल एक अभिनय प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सपना है जो अब हकीकत बन चुका है। बिहार जैसे राज्य में, जहाँ अब भी सीमित संसाधनों के बीच युवा कलाकार संघर्ष करते हैं, संजीत ने यह साबित किया है कि अगर लगन और जुनून हो, तो डिजिटल माध्यमों के ज़रिए अपनी कला को दुनिया तक पहुँचाया जा सकता है।
संजीत को अभिनय से प्यार है और इस वेब सीरीज़ के ज़रिए उन्होंने अपने क्षेत्रीय दर्शकों के दिलों में जगह बनाने की ओर पहला क़दम बढ़ाया है। उनका आग्रह है कि लोग इस सीरीज़ को देखें, साझा करें और कलाकारी के इस नए प्रयास को हौसला दें।
निर्माता, निर्देशक और टीम की ताकत
इस वेब सीरीज़ के निर्माण में कई समर्पित कलाकारों और तकनीशियनों का सहयोग रहा है:
- निर्माता: भोला कुमार बागबानी और संजीव मंडल
- निर्देशक: राज गौरव
इस पूरी टीम ने मिलकर एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया है जो बिहार के गांवों, पारिवारिक रिश्तों और देसी कॉमेडी को परदे पर ज़िंदा कर देता है। हर सीन में बिहार की मिट्टी की खुशबू है, और संवादों में ठेठ देसीपन की मिठास।
क्षेत्रीय प्रतिभाओं की भागीदारी
इस वेब सीरीज़ में न सिर्फ मुंगेर, बल्कि भागलपुर, खगड़िया, मधेपुरा और कटिहार जैसे जिलों के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया है। यह बात इसे एक क्षेत्रीय पहचान और व्यापक दर्शक वर्ग देती है।
इस पहल का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि बिहार के विभिन्न जिलों की प्रतिभाओं को एक मंच पर लाना और उन्हें दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है। संजीत कुमार संगम और उनकी टीम ने यह प्रयास कर यह दिखाया है कि क्षेत्रीय स्तर पर भी उच्च गुणवत्ता की वेब सीरीज़ बनाई जा सकती है।
दर्शकों से अपील — “श्राद्ध में ज़रूर आना” ज़रूर देखें
संजीत कुमार संगम और पूरी टीम की तरफ़ से सभी दर्शकों से एक ही अपील है —
“श्राद्ध में ज़रूर आना” ज़रूर देखिए, हँसिए, और कलाकारी का हौसला बढ़ाइए।
यह वेब सीरीज़ अब यूट्यूब पर उपलब्ध है और इसे आसानी से देखा जा सकता है।
देखें यूट्यूब पर:
Shradh Mein Zaroor Aana | Episode 1 || Sanjeet Kumar Sangam
निष्कर्ष: लोक कला से भरी, ठहाकों से लदी — “श्राद्ध में ज़रूर आना” एक ख़ास पेशकश
यदि आप एक ऐसी वेब सीरीज़ देखना चाहते हैं जो ना सिर्फ आपको हँसाए, बल्कि आपको अपने गांव, संस्कृति और लोगों की याद भी दिलाए — तो “श्राद्ध में ज़रूर आना” आपके लिए एकदम सही चुनाव है।
संजीत कुमार संगम की इस पहली पेशकश को देखकर न केवल आपको मनोरंजन मिलेगा, बल्कि आप स्थानीय कलाकारों और टीम के परिश्रम की झलक भी देख पाएंगे।
तो देर किस बात की?
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ख़ुद हँसिए और अपनों को भी हँसाइए।