सोनपुर, बिहार: सोनपुर मेला, जो भारत का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है, इस साल एक अनोखे भैंसे की वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वर्ष मेला में एक ऐसा भैंसा आया है, जिसका नाम “राजा” है और जिसकी कीमत ₹2 करोड़ बताई जा रही है। राजा भैंसा न केवल अपनी दुर्लभ नस्ल और विशाल काया के लिए चर्चा में है, बल्कि इसकी एक अनोखी आदत ने भी इसे सोशल मीडिया और समाचारों में एक विशेष स्थान दिलवाया है।
राजा भैंसा की कीमत और खासियत
राजा भैंसा मुर्रा नस्ल का है, जो विशेष रूप से प्रजनन के लिए प्रसिद्ध है। यह भैंसा काफी महंगा है और इसके मालिक राम जतन यादव ने इसकी कीमत ₹2 करोड़ 5 लाख तय की है। इसके सीमन का उपयोग प्रजनन उद्योग में होता है, जिससे इसके मालिक महीने के लाखों रुपए कमाते हैं। इस भैंसे की खासियत यह है कि यह बियर पीने के बाद ही अपनी आदत के अनुसार सक्रिय हो पाता है। राम जतन यादव के अनुसार, यह भैंसा दो बियर सुबह और दो बियर शाम में पीता है, और तभी यह अपना काम ठीक से करता है।
बिहार में शराबबंदी का असर
राजा भैंसा की सबसे खास बात यह है कि उसे बियर पीने की आदत है, लेकिन बिहार में शराबबंदी के कारण उसे अपनी आदत पूरी करने में दिक्कत हो रही है। यादव ने बताया कि सोनपुर मेला में जब वह राजा भैंसा को लेकर आए हैं, तो इसने अपनी आदत पूरी करने के लिए बियर नहीं पाई है, जिससे इसकी तबियत थोड़ी खराब हो गई है। इसके बावजूद, राजा भैंसा को देखने के लिए मेला में आने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है।
राजा भैंसा के मालिक का दावा
राजा भैंसा के मालिक राम जतन यादव ने कहा कि इस भैंसे की बोली ₹50 लाख तक लग चुकी है, लेकिन वह इसे ₹2 करोड़ से कम में नहीं बेचना चाहते। यादव ने यह भी बताया कि राजा भैंसा को सोनपुर मेला में बेचने के लिए लाया गया था, लेकिन अब तक इसका कोई खरीदार नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि, “राजा भैंसा के सीमन का मूल्य बहुत अधिक है और यह प्रजनन के लिए उपयोगी है, इसलिए इसकी कीमत ₹2 करोड़ रखी गई है। लोग इसे देखकर हैरान हैं और इसकी कीमत को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।”
सोनपुर मेला में आकर्षण का केंद्र
राजा भैंसा को देखने के लिए मेला में आने वाले लोग विशेष रूप से उत्साहित हैं। मेला में इस भैंसे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं, जो इस महंगे और अनोखे भैंसे के बारे में जानना चाहते हैं। बिहार के विभिन्न हिस्सों से लोग इस भैंसे को देखने के लिए सोनपुर मेला पहुंचे हैं, और चर्चा में यह भैंसा अन्य किसी पशु से कहीं ज्यादा है।
राजा भैंसा की चर्चा अब केवल सोनपुर मेला तक सीमित नहीं रही। सोशल मीडिया और खबरों में इसका नाम लगातार आ रहा है। कुछ लोग तो इसे लेकर हद से ज्यादा उत्साहित हैं, जबकि कुछ इसे केवल एक पशु व्यापार के तौर पर देख रहे हैं।
सोनपुर मेला: इतिहास और महत्व
सोनपुर मेला का आयोजन हर साल नवंबर और दिसंबर के महीनों में होता है और यह बिहार के सबसे पुराने और बड़े मेलों में से एक है। यह मेला पशुओं, खासकर गायों, भैंसों, घोड़ों, और हाथियों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल, और धार्मिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं। इस मेले का इतिहास बहुत पुराना है और यह प्रत्येक वर्ष हजारों पर्यटकों और व्यापारियों को आकर्षित करता है।
भविष्य में राजा भैंसा का क्या होगा?
राजा भैंसा को लेकर अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह ₹2 करोड़ में बिक पाएगा या नहीं। यादव का मानना है कि यदि यह भैंसा बिकता है, तो इसके मालिक को भारी लाभ होगा। हालांकि, अगर यह भैंसा नहीं बिकता, तो वह इसे वापस अपने घर ले जाएंगे।
राजा भैंसा के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि इसके सीमन का उपयोग खासतौर पर प्रजनन के लिए किया जाता है और यह मुर्रा नस्ल का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। इसके सीमन की कीमत भी काफी अधिक है, और यही कारण है कि इसके मालिक इस भैंसे को इतना महंगा मानते हैं।
निष्कर्ष
सोनपुर मेला 2024 का सबसे बड़ा आकर्षण राजा भैंसा है, जो अपनी ₹2 करोड़ की कीमत, बियर पीने की आदत, और मुर्रा नस्ल के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। अगर आप इस भैंसे को देखना चाहते हैं तो सोनपुर मेला का दौरा कर सकते हैं। हालांकि, इसका भविष्य अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह मेले में एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन चुका है।
राजा भैंसा की कहानी केवल उसकी कीमत और आदतों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सोनपुर मेला के इतिहास और महत्व को भी दर्शाता है, जहां पशु व्यापार के साथ-साथ कई प्रकार की सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं।