हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें प्रसिद्ध संत राम भद्राचार्य जी ने एक बच्चे, अभिनव अरोड़ा, को मंच से डांटा। इस घटना ने लोगों के बीच चर्चा का नया विषय पैदा कर दिया है।
अभिनव अरोड़ा कौन हैं?
अभिनव अरोड़ा एक 10 साल का बच्चा है, जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। वह अपने धार्मिक वीडियो और रीलों के लिए जाना जाता है। कुछ लोग उसे क्यूट मानते हैं, जबकि अन्य उसे फर्जीवाड़ा करने वाला मानते हैं। अभिनव के पिता पर आरोप हैं कि वे अपने बेटे का इस्तेमाल करके पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं।
घटना का विवरण
वीडियो में राम भद्राचार्य जी मंच पर अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। अचानक, अभिनव मंच पर पहुंचा और रील बनाने लगा, जिससे संत नाराज हो गए। उन्होंने कहा, “इसे हटाइए, यहां की मर्यादा है।” राम भद्राचार्य जी की इस डांट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करने वाले और आलोचना करने वाले दोनों की आवाजें सुनाई देने लगीं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद, लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कुछ ने राम भद्राचार्य जी के निर्णय का समर्थन किया, जबकि अन्य ने कहा कि बच्चे को इस तरह से डांटना उचित नहीं था। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि अभिनव के माता-पिता ने अपने बेटे का बचपन छीन लिया है और उसे प्रसिद्धि के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्या यह सही है?
बहुत से लोग सोचते हैं कि बच्चों को इस तरह के मंचों पर लाना सही नहीं है। उन्हें अपने बचपन का आनंद लेना चाहिए। वहीं, कुछ का कहना है कि अभिनव धर्म का प्रचार कर रहा है और उसे समर्थन मिलना चाहिए।
निष्कर्ष
इस पूरे विवाद ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि बच्चों को कितनी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए और उन्हें कब तक मंच पर लाना सही है। राम भद्राचार्य जी ने अपनी मर्यादा को बनाए रखा, लेकिन क्या अभिनव को माफी मांगनी चाहिए? यह सवाल अब भी खुला है।
आपकी क्या राय है? क्या बच्चों को इस तरह के सार्वजनिक मंचों पर लाना सही है या नहीं?