महाराष्ट्र में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। इस मामले में अब टकराव दिल्ली तक पहुँच गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक बैठक बुलाई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजीत पंवार शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह तय करना था कि एनडीए के लिए बची हुई 23 सीटों पर कैसे समझौता किया जाए। लेकिन बैठक में कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई। दरअसल, इस मुद्दे पर सभी दलों में मतभेद गहरा हो गया है।
एनडीए में बढ़ती खींचतान
एनडीए के सहयोगी दलों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेताओं के बीच बातचीत हो रही है, लेकिन सही समाधान नहीं निकल रहा है। खासकर एमवीए (महाविकास आघाड़ी) गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद एनडीए पर दबाव और बढ़ गया है।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने हाल ही में चार सीटों पर विवाद के चलते चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया। इससे स्थिति और बिगड़ गई। अमित शाह को एक और बैठक बुलानी पड़ी, लेकिन यह भी बेनतीजा रही।
अमित शाह का निर्देश
गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक में सभी दलों को सलाह दी कि उन्हें एक साथ चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी दल को बागियों को खड़ा नहीं करना चाहिए। अमित शाह की यह सलाह यह दिखाती है कि बीजेपी बागी नेताओं की गतिविधियों को लेकर चिंतित है।
भविष्य की चुनौतियाँ
इस पूरी स्थिति से साफ है कि एनडीए में एकता बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। सहयोगी दलों के बीच आपसी सहमति न बन पाने के कारण चुनाव प्रचार पर भी असर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या एनडीए अपनी स्थिति को मजबूत कर पाएगा या फिर इस टकराव का असर चुनाव पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। सीट बंटवारे की समस्याओं के चलते सहयोगी दलों के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस स्थिति को सुलझाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की कोशिशें जारी हैं, लेकिन सभी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता है। अन्यथा, चुनाव में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।