हाल ही में, बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए छुट्टियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। शिक्षा विभाग ने 2024 के कैलेंडर में संशोधन करते हुए 6 नवंबर, जो कि खरना का दिन है, को भी छुट्टी में शामिल कर लिया है। इससे पहले, शिक्षकों को केवल 7 से 9 नवंबर तक छुट्टी दी गई थी। यह बदलाव शिक्षकों की लंबी समय से चली आ रही मांग का परिणाम है और इस निर्णय ने लाखों शिक्षकों के लिए राहत की एक नई किरण प्रदान की है।
शिक्षक संघों ने इस बदलाव की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि दीपावली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान पर्याप्त छुट्टियों की आवश्यकता है। शिक्षकों का तर्क था कि जब स्कूल खुलते हैं, तो अक्सर छात्र कक्षा में उपस्थित नहीं होते, खासकर त्योहारों के समय। इससे न केवल पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि शिक्षकों के लिए भी यह एक कठिनाई बन जाती है।
6 नवंबर को छुट्टी का यह निर्णय शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। अब छात्र अपने परिवारों के साथ त्योहारों का आनंद ले सकेंगे, जिससे वे मनोबल के साथ स्कूल लौटेंगे। इससे शिक्षा के माहौल में सुधार होगा और छात्र अपने अध्ययन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
इससे पहले, शिक्षा विभाग द्वारा जारी कैलेंडर में छुट्टियों की संख्या कम थी, जो शिक्षकों और छात्रों के लिए असंतोष का कारण बनी। शिक्षकों ने इस निर्णय को गलत ठहराते हुए सरकार से अधिक छुट्टियों की मांग की थी। न्यूज़ 18 की प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाने के बाद, शिक्षा विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लिया और एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी देने का निर्णय लिया।
हालांकि, इस बदलाव के बावजूद शिक्षक संघ का कहना है कि पूर्व की तुलना में अब भी छुट्टियों की संख्या कम है। शिक्षकों का मानना है कि दीपावली से लेकर छठ तक लगातार छुट्टियां मिलती थीं, जबकि अब ऐसा नहीं हो रहा है। यह नाराजगी कुछ हद तक बनी हुई है, लेकिन 6 नवंबर की छुट्टी से उन्हें निश्चित रूप से राहत मिली है।
शिक्षा विभाग ने इस निर्णय को लागू करने के बाद एक बैठक भी आयोजित की थी, जिसमें भविष्य की छुट्टियों के बारे में चर्चा की गई। शिक्षक संघों ने यह भी सुझाव दिया है कि यदि स्कूल न खुलें तो त्योहारों के दौरान छात्र और शिक्षक दोनों का अनुभव बेहतर हो सकता है।
इस बदलाव का शिक्षा प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। छुट्टियों की संख्या में वृद्धि से न केवल शिक्षकों के मनोबल में सुधार होगा, बल्कि छात्रों की उपस्थिति में भी बढ़ोतरी होगी। यह निर्णय भविष्य में शिक्षा विभाग द्वारा अन्य सुधारों के लिए एक संकेत हो सकता है।
संक्षेप में, 6 नवंबर को छुट्टी का निर्णय शिक्षकों और छात्रों के लिए एक स्वागत योग्य बदलाव है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी त्योहारों का आनंद लिया जा सके और शिक्षा प्रणाली में निरंतरता बनी रहे। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस दिशा में आगे और क्या कदम उठाता है।