हिंदू हृदय सम्राट माननीय केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री गिरिराज सिंह जी 18 अक्टूबर को नवगछिया में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने आ रहे हैं। इस अवसर पर आयोजित होने वाली “हिंदू स्वाभिमान यात्रा” का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और धार्मिक स्वाभिमान को बढ़ावा देना है। इस यात्रा में श्री गिरिराज सिंह का स्वागत विभिन्न स्थलों पर किया जाएगा, जिसमें जहान्वी चौक, विक्रमशिला पुल, और NH 31 जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।
कार्यक्रम की रूपरेखा
इस यात्रा का प्रारंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे जहान्वी चौक, विक्रमशिला पुल के पास होगा, जहाँ केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद, वे NH 31 स्थित सत्यम होटल से होकर नया टोला नवगछिया में एक आरती कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम हिंदू धर्म की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को दर्शाएगा। आरती के बाद, यात्रा स्टेशन रोड होते हुए वैशाली चौक पहुंचेगी, जहाँ श्री गिरिराज सिंह एक महत्वपूर्ण संबोधन देंगे।
यात्रा के दौरान, गिरिराज सिंह जी गौशाला रोड होते हुए मकनपुर NH 31 पर भी स्वागत ग्रहण करेंगे। इसके बाद, यात्रा कटिहार की ओर प्रस्थान करेगी। इस यात्रा में स्थानीय हिंदू समुदाय की बड़ी भागीदारी देखने को मिलेगी, जिससे समाज में एकजुटता और शक्ति का संदेश जाएगा।
उद्देश्य और महत्व
हिंदू स्वाभिमान यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों को एकत्रित करना है। यह यात्रा न केवल धार्मिक पहचान को बढ़ावा देने का माध्यम है, बल्कि समाज में समरसता और भाईचारे की भावना को भी प्रोत्साहित करेगी। इस तरह के आयोजनों से स्थानीय लोगों को एक दूसरे के साथ जुड़ने और अपने धर्म के प्रति गर्व महसूस करने का अवसर मिलता है।
इस कार्यक्रम की तैयारी में स्थानीय संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई है। सभी समुदायों के लोग, चाहे वे किसी भी राजनीतिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से हों, इस यात्रा में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। यह एक ऐसा अवसर है जहाँ लोग एकजुट होकर अपने धार्मिक मूल्यों का सम्मान करेंगे और एक नया संदेश फैलाएंगे।
निष्कर्ष
हिंदू स्वाभिमान यात्रा न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जी का इस यात्रा में शामिल होना यह दर्शाता है कि वे हिंदू समुदाय के साथ खड़े हैं और उनके अधिकारों तथा संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस यात्रा की सफलता हिंदू समाज की एकता और धार्मिक गर्व को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस प्रकार, 18 अक्टूबर का दिन नवगछिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जहाँ स्थानीय लोग अपने धार्मिक पहचान का उत्सव मनाएंगे और भविष्य की दिशा में एक नए कदम की ओर बढ़ेंगे।