टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी। रतन टाटा को न केवल एक सफल उद्योगपति के रूप में याद किया जाएगा, बल्कि उनके गहरे पशु प्रेम के लिए भी उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
अंतिम दर्शन
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मुंबई के एनसीपीए ग्राउंड में रखा गया। इस अवसर पर उनके पालतू कुत्ते गोवा ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। गोवा, जो रतन टाटा के साथ 11 वर्षों से था, इस दुखद अवसर पर उनकी याद में उपस्थित था। जब गोवा को रतन टाटा के पार्थिव शरीर के पास बैठते हुए देखा गया, तो यह दृश्य सभी के लिए अत्यंत भावुक था।
गोवा की कहानी
गवा की कहानी रतन टाटा की करुणा को दर्शाती है। करीब 11 साल पहले, रतन टाटा ने गोवा में एक सड़क पर कुत्ते को पाया था। उन्होंने तुरंत उसे अपने साथ मुंबई ले जाने का निर्णय लिया और उसका नाम गोवा रखा। यह स्ट्रीट डॉग पिछले एक दशक से रतन टाटा के साथ रहा और उनके प्रति निष्ठा का प्रतीक बन गया।
गोवा का दुख
अंतिम दर्शन के दौरान जब गोवा ने अपने मालिक को देखा, तो उसका गमगीन माहौल और भी बढ़ गया। वह रतन टाटा के पास बैठा रहा और उन्हें निहारता रहा। जब गोवा को वहां से हटाने की कोशिश की गई, तो वह जमीन पर लेट गया। इस दृश्य ने सभी उपस्थित लोगों का दिल पसीज दिया। गोवा ने इस दिन कुछ भी नहीं खाया, जिससे उसकी मानसिक स्थिति का पता चलता है।
रतन टाटा का पशु प्रेम
रतन टाटा का पशु प्रेम उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। वे न केवल व्यापारिक दुनिया में एक प्रेरणादायक नेता थे, बल्कि उनके दिल में जानवरों के प्रति गहरी करुणा भी थी। उनकी यह भावना उनके कार्यों और निर्णयों में हमेशा स्पष्ट रही।
निष्कर्ष
रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है। उन्होंने अपने जीवन में जो कार्य किए, वे न केवल व्यापार में बल्कि समाज में भी अमिट छाप छोड़ने वाले हैं। उनका प्रेम, करुणा और मानवता की भावना हमेशा लोगों को प्रेरित करती रहेगी। रतन टाटा का नाम हमेशा भारतीय उद्योग जगत में आदर्श के रूप में जीवित रहेगा।