हाल ही में इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं जो काफी चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि “13 साल की लड़की 100 साल के बुजुर्ग के साथ शादी कर सकती है” और यह भी कि “जब लड़की प्यूबर्टी में आ जाए, तो उससे शादी कर लेना चाहिए।”
इन बयानों ने समाज में बहस छेड़ दी है। नाइक का मानना है कि अगर कोई बुजुर्ग धार्मिक है, तो उसकी 13 साल की बेटी से शादी कराने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
सवाल उठते हैं
इन बातों से कई सवाल पैदा होते हैं। क्या इस्लाम में ऐसी शादियों की अनुमति है? क्या यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन नहीं है? बहुत से लोगों ने इन बयानों की आलोचना की है और इसे गलत बताया है।
समाज की संवेदनशीलता
इस तरह के बयानों ने समाज में बढ़ती संवेदनशीलता को दिखाया है। युवा पीढ़ी, खासकर लड़कियों, को इन मुद्दों पर जागरूक रहने की जरूरत है। हमें धर्म को आधुनिकता के साथ जोड़ने की कोशिश करनी चाहिए।
निष्कर्ष
जाकिर नाइक के बयानों ने इस्लाम और शादी के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। हमें यह समझना होगा कि समाज में भेदभाव और असमानता को खत्म करने के लिए संतुलन बनाना जरूरी है। क्या हमें इस तरह के विचारों के प्रति सचेत रहना चाहिए? यह एक बड़ा सवाल है।